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प्रभु को जानने से हमें कोई चीज़ रोक नहीं सकती

अप्रैल 22, 2023

ज़्यूरिख़, स्विट्ज़रलैंड, और दिल्ली, भारत, की यात्राओं से वापस आकर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने आज लाइल, इलिनोई, के एस.ओ.एस. इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर में श्रोताओं को सम्बोधित किया। मुख्य हॉल में मंच पर आसीन होकर महाराज जी ने वापस आने पर ख़ुशी ज़ाहिर की। अपनी यात्राओं के बारे में विस्तार से बताते हुए, महाराज जी ने पूरे विश्व में अध्यात्म के लिए बढ़ती रूचि का उल्लेख किया। महाराज जी विश्व में कहीं भी जायें, सभी आयुवर्गों और पृष्ठभूमियों के लोग बढ़ती हुई संख्या में उनके सत्संगों में आते हैं। इसके बाद, संत राजिन्दर सिंह जी ने श्रोताओं के कुछ आध्यात्मिक प्रश्नों के उत्तर प्रदान किए।

एक सवाल में पूछा गया था कि क्या हमारे शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य का असर हमारे आत्मिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। संत राजिन्दर सिंह जी ने समझाया कि हमारे जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू है हमारी आत्मा का प्रभु के प्रेम व प्रकाश के साथ जुड़ना। चाहे हम शारीरिक रूप से बीमार हों, भावनात्मक रूप से तकलीफ़ में हों, या मानसिक रूप से परेशान हों, अगर हम प्रभु के प्रेम के साथ जुड़ेंगे, तो बाकी सबकुछ ठीक हो जाएगा। ये जानना भी महत्त्वपूर्ण है कि ये जीवन हमें इसीलिए दिया गया है कि हम इस संसार में जीते हुए, और अपनी सांसारिक ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए, प्रभु को जान सकें। इस काम में एक स्वस्थ शरीर, मन, और दिमाग़ हमारी मदद करते हैं। इसीलिए ये ज़रूरी है कि हम अपने मुख्य उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित रखे हुए इन क्षेत्रों में भी श्रेष्ठ होने की कोशिश करें।

एक ताक़तवर शरीर, प्रेमपूर्ण रिश्ते-नाते, या तेज़ दिमाग़ हमें प्रभु का अनुभव नहीं करा सकते हैं। इसी तरह, ख़राब शारीरिक स्वास्थ्य, दुखी भावनाएँ, या कमज़ोर बुद्धि हमें आध्यात्मिक मार्ग पर बढ़ने से रोक नहीं सकती। प्रभु के मार्ग पर बढ़ने के लिए जो एकमात्र बाधा है, वो है प्रभु को जानने की सच्ची जिज्ञासा न होना। एक बार जब हम इस मानव चोले में आ जाते हैं, तो हमें प्रभु को जानने से कोई चीज़ रोक नहीं सकती है, महाराज जी ने फ़र्माया। अगर हमें जीवन का असली उद्देश्य समझ में आ गया है, अगर हमारे अंदर प्रभु को जानने की सच्ची जिज्ञासा है, और हम रोज़ाना प्रभु के प्रेम व प्रकाश के साथ जुड़ने के लिए समय निकालते हैं, तो हमें कोई चीज़ रोक नहीं सकती है। हम प्रभु को पाने की यात्रा पर सफलता अवश्य पा लेते हैं।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज लाइल  के एस.ओ.एस. सेंटर में 14 मई तक सत्संग करेंगे और फिर विश्व यात्रा पर प्रस्थान करेंगे।